नीम आयुर्वेद में सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण बताया गया है। नीम आयुर्वेद में शरीर के लिए एक रामबाण उपाय बताया गया है। नीम का उपयोग सदियों से आयुर्वेद के द्वारा बताया जा रहा है। नीम में मौजूद कई आयुर्वेदिक गुण घरेलू उपचार तथा स्वास्थ्य से संबंधित लाभ दे रहे हैं। नीम के औषधीय गुण व्यक्ति के शरीर को कई तरह के रोगों से बचाने में कारगर साबित होते हैं।
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नीम के औषधीय गुण
नीम के पत्तों का उपयोग घरेलू उपचार, भोजन, चोट पर मलहम तथा त्वचा संबंधी विकारों की समस्या को खत्म करने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। नीम को एक एंटीबैक्टीरियल औषधि के रूप में भी जाना जाता है। नीम के औषधीय गुण इस प्रकार है-:
नीम का एंटीबैक्टीरियल औषधीय गुण
नीम का सबसे ज्यादा अपने एंटीबैक्टीरियल औषधीय गुण के लिए जाना जाता है क्योंकि नीम की पत्तियों में बैक्टीरिया तथा इंफेक्शन के तत्व को खत्म करने की एक अटूट शक्ति होती है। नीम में क्वेर्सिटिन और बी-साइटोस्ट्रोल तत्व शामिल होते हैं जो शरीर में संक्रमण के प्रभाव को कम कर बैक्टीरिया खत्म करते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर में असरकारक नीम
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक नीम में हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने तथा शरीर में उसके तत्व को कम करने का असरकारक औषधीय गुण शामिल है। नीम के मेथेनॉल अर्क में मौजूद पोलीफेनॉल में एंटी हाइपरसेंसेटिव औषधीय गुण पाए जाते हैं जो कि शरीर में हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं। यदि आप किसी प्रकार की बीपी की दवाई लेते हैं तो नीम का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की परामर्श जरूर लेनी चाहिए।
सांस संबंधित समस्या में असरकारक नीम
एक रिसर्च के मुताबिक नीम को सात संबंधित समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है। दरअसल नींद में एंटी इन्फ्लेमेटरी एंटीबैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो फेफड़ों से संबंधित यानि पल्मोनरी इन्फ्लेमेशन के हानिकारक तत्व को फेफड़ों से सुरक्षा देते हैं। इसके अलावा नीम में मौजूद एंटीएलर्जिक गुण दमा की समस्या में कारगर साबित होता है। दमा के लिए आयुर्वेद डॉक्टर द्वारा नीम का उपयोग संपूर्ण बताया गया है।
अल्सर में असरकारक नीम
रिसर्च के मुताबिक नीम की छाल अल्सर की समस्या में असरकारक सिद्ध होती है। दरअसल नीम की छाल के अर्थ में एंटीअल्सर गुण पाए जाते हैं जो व्यक्ति को अल्सर की समस्या से निजात दिला सकते हैं। हालांकि अल्सर से पीड़ित व्यक्ति को नीम का उपयोग करने से पहले डॉक्टर का परामर्श लेना चाहिए और इसके बाद ही नीम से संबंधित खाद्य पदार्थों का उपयोग करना चाहिए।
डायबिटीज में असरकारक नीम
रिसर्च के मुताबिक नीम में डायबिटीज के प्रभाव को कम करने के औषधीय गुण पाए जाते हैं। दरअसल नीम में हाइपोग्लाइसेमिक यानि ब्लड शुगर के तत्व को प्रभावित कर शरीर में उसका असर कम करने की गुण शामिल होते हैं जिससे ब्लड शुगर की समस्या को कम किया जा सकता है। नीम की कड़वाहट मधुमेह की समस्या को जड़ से खत्म करने में कारगर साबित होती है। डायबिटिक व्यक्तियों को डॉक्टर की सलाह के बाद ही नीम का उपयोग करना चाहिए।
मुंह के समस्याओं में असरकारक नीम
रिसर्च के मुताबिक नीम में एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जिससे मुंह की समस्याओं से राहत मिलती है। नीम के अर्क में एंटीमाइक्रोबॉयल गुण पाए जाते हैं जो दातों में लगने वाले प्लाक की समस्या के तत्वों को खत्म कर देते हैं। इसके अलावा नीम में एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो मसूड़ों की सूजन को कम करने में सहायता करते हैं। सदियों से दांतों को स्वस्थ रखने के लिए नीम के दातुन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मलेरिया रोग में असरकारक नीम
रिसर्च के मुताबिक नीम में मलेरिया रोग से लड़ने के तत्व पाए जाते हैं। दरअसल नीम में एंटी मलेरिया गुण मौजूद होते हैं जो शरीर में मलेरिया के तत्व को प्रभावित कर उसकी समस्या को कम करते हैं। व्यक्ति को डॉक्टर की दवा के साथ नीम का उपयोग मलेरिया की समस्या को जल्द ही खत्म करने में सहायक सिद्ध साबित होता है।
पेट की समस्या में असरकारक नीम
रिसर्च के मुताबिक नीम में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण पेट की समस्या में कारगर उपाय के रूप मेें काम करते हैं। नीम का सामान्य उपयोग पेट में मौजूद खराब तत्वों को बाहर निकाल पाचन तंत्र को ठीक करने में उपयोगी सिद्ध साबित होता है जिससे पेट की समस्या में सुधार होता है। नीम का उपयोग गैस तथा कब्ज की समस्या में असरकारक सिद्ध होता है।
लिवर को स्वस्थ रखने में सहायक है नीम
रिसर्च के मुताबिक नीम में मौजूद औषधीय गुण लीवर को स्वस्थ रखने में सहायक होते हैं। नीम के तत्व शरीर में कैंसर तथा लीवर में सूजन जैसी समस्याओं से बचाव करने में सहायक होते है। ऐसे में लिवर के स्वास्थ्य के लिए नीम की पत्तियों तथा नीम से बने खाद्य पदार्थों का उपयोग सामान्य रूप से करना चाहिए।
कैंसर की समस्या में असरकारक नीम
एक रिसर्च के मुताबिक नीम के बीज फूल फल और पत्तियों में कैंसर रोग को खत्म करने के औषधीय गुण पाए जाते हैं। नी में मौजूद एंटी कैंसर और एंटीट्यूमर गुण शरीर में कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। प्रोटेस्टेट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर में नीम का उपयोग सहायक सिद्ध होता है। कैंसर एक गंभीर रोग है और यदि कोई भी व्यक्ति कैंसर से पीड़ित है तो उसे डॉक्टर की परामर्श के अनुसार ही नीम का उपयोग करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक नीम
एक रिसर्च के मुताबिक नीम की कड़वाहट शरीर में मौजूद खराब कोलेस्ट्रॉल के तत्वों को खत्म कर कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक सिद्ध होता है। कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित व्यक्ति डॉक्टर के अनुसार नीम के अर्क तथा पदार्थों का उपयोग कर सकता है।
घाव और रैशेज में असरकारक नीम
एक रिसर्च मुताबिक नीम घाव और रैशेज की समस्याओं से निजात दिलाने में असरकारक होती है। सदियों से घाव के आयुर्वेदिक उपचार के लिए नीम का उपयोग किया जा रहा है। दरअसल नीम में वूंड हीलिंग गुण पाया जाता है जो कि घाव को जल्दी भरने में मदद करता है। इसके अलावा नीम या नीम के तेल का उपयोग शरीर में रैशेज की समस्याओं को कम करने में भी सहायक सिद्ध होता है।