जानिए क्या है भगवान के दर्शन के लिए प्रमुख मंदिरों के ड्रेस कोड और उपाय

जानिए क्या है भगवान के दर्शन के लिए प्रमुख मंदिरों के ड्रेस कोड और उपाय

भारत के मंदिरों का ‘ड्रेस कोड’

महिला हो या पुरुष ड्रेस कोड (अनिवार्य वेशभूषा) सभी के लिए होता है और स्कूल में, पार्टियों में, ऑफिस में, फेकट्रिज में, सेना में, पुलिस में, एग्जाम सेंटर में आदि कई जगहों पर इनका सख्ती से पालन किया जाता है। इसी तरह देश के कई मंदिरों में भी भगवान के दर्शन करने के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य होता है। यदि आप अनिवार्य वेशभूषा (Hindu Temple Dress Code) का पालन नहीं करते है तो आपको मंदिर मे प्रवेश करने की अनुमति नही होगी। इसी विषय पर हम आपको जानकारी देते है कि देश के प्रमुख मंदिरों में प्रवेश या दर्शन के लिए किस प्रकार की वेशभूषा (ड्रेस कोड ) धारण करना अनिवार्य है। यदि आपको देश के पारंपरिक कपड़े जैसे धोती, लुंगी या अन्य पोशाक पहनने की आदत नहीं है या आपको उन्हें पहनने में असुविधा होती है, तो हम उसका उपाय कर सकते है।

कन्याकुमारी माता मंदिर में ड्रेस कोड

कन्याकुमारी स्थित कन्याकुमारी अम्मान मंदिर में गर्भगृह में प्रवेश करने से पहले पुरषों को ऊपर के सभी कपड़े जैसे शर्ट और बनियान निकलने पड़ते है। आप नीचे पेंट या अन्य कोई भी कपड़े पहन कर गर्भगृह में प्रवेश कर सकते है और कन्याकुमारी माता के दिव्या स्वरुप का दर्शन कर सकते है।

महाकाल ज्योतिर्लिंग में ड्रेस कोड

12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकाल ज्योतिर्लिंग धर्म नगरी उज्जैन में स्थित है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए कई नियम नहीं है परन्तु भस्म-आरती के दर्शन करने के लिए और अभिषेक, पूजा आदि करने के लिए पुरुषों को धोती और महिलाओं कोरी साड़ी (जो पहले नहीं पहनी हो) पहनना अनिवार्य होता है। मंदिर में भास्मार्ती के समय ज्योतिर्लिंग पर जब भस्म चढ़ाई जाती है, तब महिलाओं को कुछ पलों के लिए घूंघट रखना होता है क्योकि यह द्रश्य देखना उनके लिए वर्जित है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में ड्रेस कोड

महाराष्ट्र में औरंगाबाद के पास स्थित घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग में भी दर्शन के लिए नियम बनाये गये है। यहाँ पर प्रवेश करने से पहले चमड़े से बनी सभी वस्तुएं जैसे बेल्ट, पर्स आदि को बाहर ही रखकर प्रवेश करना होता है और पहले पुरषों को ऊपर के सभी कपड़े जैसे शर्ट और बनियान निकलने पड़ते है। महिलाओं के लिए कई ड्रेस कोड नहीं है।

काशी विश्वनाथ मंदिर में ड्रेस कोड

वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में विदेशी पर्यटक अक्सर कम कपड़ों में प्रवेश करते है इसलिए विदेशी पुरषों के लिए धोती और विदेशी महिलाओं के लिए साड़ी पहनना अनिवार्य है। इसके साथ साथ भारतीय श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए भी यही नियम लागू किया गया है। यदि मंदिर में लोग जींस, पैंट, शर्ट और सूट पहन कर प्रवेश करेंगे तो वे दूर से दर्शन के पात्र होंगे उन्हें स्पर्श दर्शन करने की अनुमति नहीं मिलेगी।

तिरुपति बालाजी दर्शन ड्रेस कोड

तिरुपति बालाजी मंदिर में बरमुडा, शॉर्ट्स या टी शर्ट पहने हुए लोग प्रवेश नहीं कर सकते है, पर कमीज और पेंट पहने हुए लोग आ सकते हैं और महिलाओं को साड़ी या सलवार सूट पहन कर आने से प्रवेश मिल जाता है। मन्दिर में होने वाले विशेष अनुष्ठानों में हिस्सा लेने वाले पुरुषों के लिए धोती या पायजामा और महिलाओं के लिए साड़ी पहनना आवश्यक है।

पद्मानाभस्वामी मंदिर में ड्रेस कोड

केरल के पद्मानाभस्वामी मंदिर में महिलाओं के लिए सलवार सूट पहनकर या अन्य परिधान पहन कर प्रवेश करना वर्जित है। वे केवल साड़ी पहन कर ही प्रवेश कर सकती है। वही पुरषों के लिए मुंडू या लुंगी पहन कर प्रवेश करना आवश्यक है ।

महाबलेश्वर मंदिर में ड्रेस कोड

कर्नाटक स्थित गोकर्ण का महाबलेश्वर मंदिर का शिवलिंग भक्तों में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर में पुरषों का जींस, पैंट, पायजामा, हैट, कैप, कोट और बरमूडा शार्ट्स पहनकर आना वर्जित है। पुरुष भक्त केवल धोती में और महिलायें को सलवार सूट और साड़ी में ही प्रवेश मिलता है। महिलाएं जींस, पैंट या कैप्री पहन कर नहीं आ सकतीं।

गोल्डन टेंपल में ड्रेस कोड

अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में कोई ड्रेस कोड लागू नहीं होता है, पर मंदिर के कुछ नियम है, जैसे आप अपने सिर को रूमाल, दुपट्टे या किसी कपड़े से ढँक लीजिये। आपको घुटनों के ऊपर शॉर्ट्स या ड्रेस नहीं पहनना चाहिए।

शिर्डी साईं बाबा मंदिर के लिए ड्रेस कोड

शिर्डी स्थित साईं बाबा के मंदिर में प्रवेश करने से पहले चमड़े से बनी सभी वस्तुएं जैसे बेल्ट, पर्स आदि को बाहर ही रखकर प्रवेश करना होता है। यहाँ महिलाओं को शालीनता से कपड़े पहनना चाहिए। उन्हें साड़ी या सलवार-खमीज़ (या चूड़ीदार) पहनना चाहिए। पुरुषों का शॉर्ट्स, बरमूडा न पहनकर धोती, फुल पैंट या पजामा पहनना उचित है।

हमें इन सभी मंदिरों की मर्यादा का पालन करना है। जो लोग जींस, शॉर्ट्स, बरमूडा या पैंट पहनते है, उन्हें धोती बांधने में असुविधा होती है, वे लोग रेडीमेट धोती कुरता ले सकते है। रेडीमेट धोती पहले से ही सेट होकर आती है, जिसे आप डायरेक्ट पहन सकते है। इसी तरह मार्किट में या ऑनलाइन डिजाइनर लुंगी या मुंड उपलब्ध है। यह बहुत आरामदायक औए देखने में सुन्दर लगती है। दर्शन के लिए जाते समय लेदर के पर्स और बेल्ट की जगह कपड़ो से बने पर्स और बेल्ट उपयोग कर सकते है। इस सभी वस्त्रो और बस्तुओं के उपयोग से आप हैंडसम दिखेंगे और मंदिर की गरिमा भी बनी रहेगी।

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